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  • बिग ब्रदर भाग - 1

    सूरजपुर छोटा से एक गाँव जहा गोपाल अपनी पत्नी सितादेवी दो बेटो विजय और संजय दो बे...

  • वह आखिरी पल - भाग -1

    90 वर्ष की उम्र पार कर चुकी कावेरी अम्मा अब तक तो एकदम टनकी थीं। लेकिन पिछले कुछ...

  • वो श्याम सलोनी - 1

    वो एकटक बगीचे के फूलों को निहार रही थी रंग रूप पर उसने कभी खुद से ध्यान ही नहीं...

सन्यासी -- भाग - 1 By Saroj Verma

कभी कभी इन्सान अपने जीवन से विरक्त होकर इस सांसारिक जीवन से सन्यास लेकर सन्यासी बन जाता है, लेकिन क्या वो सच में इस संसार के चक्रव्यूह से निकल पाता है,शायद नहीं! क्योंकि सांसारिक ज...

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बिग ब्रदर भाग - 1 By अजय भारद्वाज

सूरजपुर छोटा से एक गाँव जहा गोपाल अपनी पत्नी सितादेवी दो बेटो विजय और संजय दो बेटियों रिया और गरिमा के साथ रहता है परिवार की सारी जिमेदारी गोपाल के कन्धों पर है गोपाल चाहता है उसके...

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वह आखिरी पल - भाग -1 By Ratna Pandey

90 वर्ष की उम्र पार कर चुकी कावेरी अम्मा अब तक तो एकदम टनकी थीं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हृदय की धड़कनों में थोड़ी मंदी आ गई थी इसलिए उनका शरीर अब वैसा साथ नहीं निभा पा रहा था जैस...

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सच्चा मित्र By दिनेश कुमार कीर

सच्चा मित्रएक गाँव में एक व्यापारी अपनी पत्नी और बारह साल के बेटे, अनीश के साथ बहुत खुशी - खुशी रहता था। व्यापारी के कारोबार में दिन - रात तरक्की होती थी। अनीश इकलौती सन्तान होने क...

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शोहरत का घमंड - 56 By shama parveen

आर्यन की बात सुन कर सभी चोक जाते है तभी आर्यन की मॉम बोलती है, "तुम क्या करोगे एक छोटे मोटे से गरीब की बेटी की शादी में जा कर, तुम्हे तो अमीरो के साथ रहना पसन्द है"।तब आर्यन बोलता...

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कंचन मृग - प्रस्तावना By Dr. Suryapal Singh

उपोद्घात कंचन मृग (उपन्यास) स्कन्द पुराण में बुन्देलखण्ड का नाम राज्य के रूप में जुझौती उपलब्घ होता है। इसमें 42000 गाँव सम्मिलित थे। हेन सांग ने इसे चि-चि-टो कहा है। कनिंघम का मत...

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सर्कस - 1 By Madhavi Marathe

                                                                                                  मन की बात   हम लोग हमेशा सर्कस से जुडे हुए लोगों के जीवन के बारे में, जानने के लिए...

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जगत का जंजाल-संसृति By Shivraj Anand

         (मनुष्यों को अपने हृदय की सु बुद्धि से दीपशिखा जलाने चाहिए।उन्हे इक दुसरे के मध्य भेदभाव डालकर मौजमस्ती नही करनी चाहिए।मौजमस्ती दो पल की भूल है उनके कुबुद्धि का फल शूल है)...

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वो श्याम सलोनी - 1 By Anshika

वो एकटक बगीचे के फूलों को निहार रही थी रंग रूप पर उसने कभी खुद से ध्यान ही नहीं दिया था क्योंकि उसने हमेशा अपने पापा से यही सुना था की बच्चे इंसान का मन साफ होना चाहिए रंग और खुबसू...

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मुसद्दी - एक प्रेम कथा - 3 By संदीप सिंह (ईशू)

3️⃣ मुसद्दी के ठेले पर भी विकास दिखा... अब तरबूज के साथ साथ फलो के राजा आम और नारियल (हरा) भी आ गया था । पर ठेला अब भी नीम की शीतल छांव मे रुकता। पड़ोसी आनंदित की निठल्ला सुधर गया औ...

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बॉडीगार्ड - 1 By MR. JAYANT

यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जिसने अपनी जिंदगी इंसानियत के और स्त्री रक्षा पर न्यौछावर कर दी। कहते है की , सदियों से इस धरती पर भगवान ने अवतार लिया है। जिन्हे आज के दौर मे एंजल (फर...

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कलयुग के श्रवण कुमार - 1 - जीवन भर की बचत By संदीप सिंह (ईशू)

अभी अभी बेटे से फोन पर बात हुई थी। फोन कट चुका था। लगभग 40 वर्ष की उषा और ऐसे ही 42-43 रही होगी माधव की उम्र। बेटे से बात कर बहुत प्रसन्न थे, होठों की मुस्कान स्पष्ट कह रही थी कि क...

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बंधन प्यार का - 1 By Kishanlal Sharma

नरेश से आकर एक युवती टकरायी तो उसके हाथ से बेग गिर गया।नरेश बेग उठाने को झुका तो वह युवती भी झुकते हुए बोली,"सॉरी।""नो मेंशन।आल राइटवह युवती चली गयी लेकिन उसकी मोहिनी छवि नरेश के द...

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रक अदद औरत - 1 By Kishanlal Sharma

बन्द कमरे में कमला खाट पर लेटी थी।वह लेटी लेटी ही बुदबुदाईदुखकिस बात काकुछ देर बाद फिर बुदबुदाईपश्चातापकिस बात काउसके निर्णय पर सवाल ही नही उठता।उसने निर्णय लेने में कोई जल्दबाजी न...

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मैं ग़लत था - भाग - 1 By Ratna Pandey

भले राम और छोटे लाल एक छोटे से गाँव में रहते थे। दोनों में बहुत गहरी दोस्ती थी। वे बचपन से साथ-साथ खेलते कूदते ही बड़े हुए थे। पूरे गाँव में उनकी दोस्ती के चर्चे थे और हों भी क्यों...

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शाकुनपाॅंखी - 1 - उपोद्घात By Dr. Suryapal Singh

उपोद्घात यह इक्कीसवीं शती का प्रारंभ है। पूर्व और पश्चिम की विकास यात्रा में नव उदारीकरण की लहलहाती फसल के बीच इंच इंच घिसटती मानवता । उद्यमिता के नए प्रारूपों के बीच व्यष्टि की बं...

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सामाजिक भिक - 1 By AAShu ______

......... बहोत देर हों गई केशव बाबू , आप की बेटी को बुलवा दीजिए जरा ....... जी बिलकुल , अभी बुलवाता हु..... सुधा जरा अंदर से मीनाक्षीबेटी को लेकर आओ..... और हां साथ में चाय नाश्ते...

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गाय की बछिया By Rajesh Rajesh

रणधीर का संयुक्त परिवार गांव में सबसे बड़ा था। उसके परिवार में माता पिता अपनी छोटी बहन के अलावा दादा दादी ताऊ ताई उनके दो बेटे चाचा चाची उनका एक बेटा था। इतना बड़ा परिवार गांव के म...

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मुझसे शादी कर लो - 1 By Kishanlal Sharma

"अपनी औकात देखी हैराघव का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था।खाने के लाले।रोज काम ढूंढते।काम मिल जाता तो घर मे चूल्हा जल जाता।ऐसे में गरीब मा बाप बेटे को स्कूल में दाखिला कैसे...

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हमराही - 1 By Kishanlal Sharma

तो तुम चली जाओगी नाजिया पाकिस्तानी लड़की थी।वह मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर भी भारत की उन्नति और प्रगति के बारे में खूब पढ़ती और सुनती रहती थी।पिछले नौ सालों में जब से मोदी सरकार आयी...

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गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 6 By Kishanlal Sharma

लेकिन हमारे समय मे न टेलीफोन थे,न ही मोबाइल और सामाजिक प्रतिबंध भी तब ज्यादा थे।कई बार मन मे आता कि रिश्ता हो गया है तो अब एक बार मंगेतर को देखा जाए पर कैसे?ऐसे अवसर आये भीएक बार म...

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दुष्चक्र - 1 By Kishanlal Sharma

नारंग ने हाथ मे बंधी घड़ी में समय देखा।रात के साढ़े नौ बजे थे।इस स्टेशन से छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन कुमायूं एक्सप्रेस जाती थी।इस ट्रेन के छूटने में आधा घण्टा शेष रह गया था। लेकिन किस...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

=============== स्नेहिल नमस्कार साथियों इस अधाधुंध दौड़ में भागते हुए अक्सर हम अपने जीवन की कुछ महत्वपूर्ण बातों को भुला...

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गरीब की इज्जत - पार्ट 3 By Kishanlal Sharma

रोज की तरह उसे जंगल का अफसर बेसब्री से उसका इंतजार करता हुआ मिला।लाजो को देखते ही वह मुस्कराकर बोला"आज तो तुमने देर कर दी।कब से तुम्हारी राह देख रहा हूँ""क्यो/""तुम्हारा सुंदर मुखड़...

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अपना आकाश - 1 By Dr. Suryapal Singh

'क' से कथा ?उपन्यास समाज का यथार्थ बिम्ब है विविधता से भरा एवं चुनौतीपूर्ण । उपन्यास लिखना इसीलिए समाज को विश्लेषित करना है। 'कंचनमृग', 'शाकुनपाँखी', ‘कोमल...

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धर्म की दीवार.. By Saroj Verma

शाहिद लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर आया,उसने सोचा कि किस होटल में कमरा लूँ,यहाँ तो मैं किसी को जानता भी नहीं,तभी एकायक उसके मन में विचार आया क्यों ना तिवारी मोहल्ले में ही कोई होटल तलाश कर...

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दो औरते - 1 By Kishanlal Sharma

"सुरेश तुम तो एकदम बदल गए,"वह आराम से बैठ भी नही पाया था कि विभा ने बंदूक की गोली की तरह प्रश्न दाग दिया था।"नही तो।बिल्कुल वैसा ही हूँ।देख लो।कहा से बदला हुआ नजर आ रहा हूँ,"सुरेश,...

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MY HERO - 1 By shama parveen

कहानी का नाम सुन कर सभी को लग रहा होगा की ये कोई लव स्टोरी है एक लड़का और लड़की की। जी मगर ऐसा नहीं है। ये प्यारी सी कहानी एक पापा और उसकी प्यारी सी बेटी की है। वैसे हर पापा अपने ब...

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मातृत्व - किराए की कोख - 1 By Kishanlal Sharma

"ऐसे नही,"सुशांत ने पत्नी को अपने से सटा या तो नताशा पति से अलग होते हुए बोली,"ऐसे नही।""तो कैसे?""पहले कंडोम।""ओहो नताशा,"पत्नी की बात सुनकर सुशांत बोला,"आखिर कब तक हम शारीरिक मि...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 1 By Chaya Agarwal

भाग 1तलाक .....तलाक ......तलाक....... इन तीन अल्फ़ाजों को, बिल्कुल किसी मालिकाना हक की तरह बोल कर, उसका शौहर आरिज़ कमरें से बाहर निकल गया। जलजले की तरह आये इन लब्जों के मायनों ने उस...

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कजरी By Vishram Goswami

कजरी               दीपावली के बाद दिसंबर के प्रथम सप्ताह में ठीक ठंड पड़ने लगी थी। राते थोड़ी बड़ी हो गई थी। जल्दी सुबह जब भ्रमण के लिए निकला तो कस्बे के मुख्य बाजार वाली सड़क पर अ...

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यह बंधन नही है - 1 By Kishanlal Sharma

नारी के लिए विवाह बंधन है या जरूरतपढ़िए यह कहानी-------///----------////"आखिर तेरी शादी हो ही गयी।तू एक मर्द की दासी बन ही गयी,"रूपा बोली,"तूने एक आदमी की गुलामी स्वीकार कर ही ली।"&...

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हादसा - भाग 1 By Ratna Pandey

आज पूनम और प्रकाश का विवाह था। बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ, धूमधाम से यह विवाह हो रहा था। पूनम बहुत ख़ुश थी, क्योंकि एक ही शहर में ससुराल और मायका दोनों थे।  विदाई के समय जब उसके...

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लड़के भी रोते हैं - पार्ट 2 By Saurabh kumar Thakur

अट्ठारह साल की उम्र हुए आज 17 दिन होने वाले थे उसे । उसे अपनी जिंदगी की जिम्मेदारियों का एहसास होने लगा था, शायद उसे पता चल रहा था कि अब अपना जिंदगी जीने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा...

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सफर से पहले ही - 1 By Kishanlal Sharma

सूरज कब का दूर क्षितिज में ढल चुका था।शाम अपनी अंतिम अवस्था मे थी।आसमान से उतर रही अंधेरे की परतों ने धरती को अपने आगोश में समेटना शुरू कर दिया था।प्लेटफॉर्म नम्बर पांच के अंतिम छो...

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मीत मेरे By Kishanlal Sharma

कालेज के गेट के बाहर आकर उसने जेब मे हाथ डाला।जेब खाली थी।वह जल्दी जल्दी में फोटो लाना ही भूल गया था।वैसे चलने से पहले उसने फोटो देख लिया था।कालेज की छुट्टी हो गयी थी।लड़कियां कालेज...

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कुछ अनकहे जज्बात! - Part 1 By Ankit Kumar

1.बिहारीएक बिहारी होना गर्व की बात है पर सिर्फ अपने राज्य मे जब आप किसी दूसरे राज्य मे जाते हो तो फिर आप एक गरीब राज्य का नेतृत्व करते हो । कहने के लिए बिहार वो राज्य है जहा संसार...

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मेहमान बन कर आएंगे  By Ratna Pandey

कलेक्टर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वसुधा ने अपने पति से कहा, "अशोक हम दोनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं, क्यों ना अब हम राहुल के साथ रहें। उन्हें सहारा मिल जाएगा और हमारे लिए भी...

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युगांतर - भाग 1 By Dr. Dilbag Singh Virk

शहर से दूर, गाँव से बाहर, महलनुमा हवेली यादवेन्द्र की है। यह सिर्फ भूगौलिक रूप से ही गाँव व शहर से अलग नहीं है, बल्कि सामाजिक रूप से भी यह गाँव और शहर से कटी हुई है। क्यों कटी हुई...

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एक नया रास्ता - 1 By Kishanlal Sharma

"यह कौन है?"राजन के साथ आयी युवती को देखकर कल्पना बोली थी।"यह सुनीता है,"राजन अपने साथ आयी युवती का परिचय कल्पना से कराते हुए बोला,"और सुनीता मेरी पत्नी है ""क्या?सुनीता तुम्हारी प...

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वो कौन था--भाग(१) By Saroj Verma

कुदरत जब सितम-ज़रीफ़ी (अत्याचार करने) पर उतर आए तो हज़रत इंसान का तमाशा बना देती है। ठाकुर साहब हरनाम सिंह ने कभी ख्वाब में भी न सोचा था कि उन्हें इतने बड़े इम्तिहान से दो-चार होना...

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अपाहिज़ By Shrikar Dixit

सबको सब कुछ वो खुदा नहीं देता है,हर इंसान को कुछ ना कुछ कमी देता है।इंसान ने दुनिया में काफी तरक्की कर ली, धरती से आसमान का सफ़र कर लिया,चांद पर पहुंच गया,मगर इंसान की मानसिकता नही...

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पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 1 By Kishanlal Sharma

सूरज ढल रहा था।ढलते सूरज की तिरक्षी किरणें नदी के बहते पानी मे पड़ रही थी।अनुपम नदी के किनारे एक पत्थर पर बैठा बहते हुए पानी को देख रहा था।जब भी उसका मन करता वह यहां आकर बैठ जाता था...

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प्रतीक्षा (पार्ट 1) By Kishanlal Sharma

जनवरी के महीने की रात।मौसम बेहद ठंडा था।य कोहरे की वजह से बिजली के लट्ठों पर लगे बल्बों का प्रकाश टिमटिमाता नजर आ रहा था।प्लेटफॉर्म पर कोई आता जाता नजर नही आ रहा था।मुसाफिर लोग ठंड...

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अनोखा प्रस्ताव - 1 By Kishanlal Sharma

सर्दियी की रात।रात के बारह बज चुके थे।वर्षा के सास ससुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में जाकर सो चुके थे।वर्षा भी रोज सो जाती थी।लेकिन आज उसकी आँखों मे नींद नही थी।वर्षा ने शेखर से...

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आंसु पश्चाताप के - भाग 1 By Deepak Singh

भाग १आँसु पश्चाताप के शाम के धुले प्रकाश में एक खूबसूरत औरत बनारस सागर के तट पर किसी का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी , मगर जब दिये हुए समय को इंतजार की घड़ियां पार करने लगी तो...

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बहुत करीब मंजिल - भाग 1 By Sunita Bishnolia

‘‘ बहुत करीब मंजिल ’’‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों...

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जुड़ी रहूँ जड़ों से - भाग 1 By Sunita Bishnolia

भाग - 1 जुड़ी रहूँ जड़ों से शहर की सबसे आलीशान कोठी में एक तरफ बैडमिंटन कोर्ट है जहाँ अभी भी कुछ लोग काम करे रहे है। इसी के दूसरे छोर पर दो आउट हाऊस भी बने हुए है। दोनों आउट हाऊस ह...

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अचेतन अपराधी - 1 By Kishanlal Sharma

"देख सामने पुलिस वाला खड़ा है।तेरी लाइट भी नही है।उतरकर चल।वरना चालान कर देगा।"अपने दोस्त की बात सुनकर सुदेश भड़क गया।उसने भद्दी सी गाली दी और आगे बढ़ता गया।पुलिस वाले को देखते ही उसक...

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पलायन - 1 By राज कुमार कांदु

वह युवा सोशल मीडिया पर एक जाना पहचाना नाम बन गया था। लोगों तक पहुँचकर जन समस्याओं की पड़ताल करना और सरकार के बारे में उनकी राय सोशल मीडिया पर ज्यों की त्यों दिखाना उसका कार्य था।आज...

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सन्यासी -- भाग - 1 By Saroj Verma

कभी कभी इन्सान अपने जीवन से विरक्त होकर इस सांसारिक जीवन से सन्यास लेकर सन्यासी बन जाता है, लेकिन क्या वो सच में इस संसार के चक्रव्यूह से निकल पाता है,शायद नहीं! क्योंकि सांसारिक ज...

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बिग ब्रदर भाग - 1 By अजय भारद्वाज

सूरजपुर छोटा से एक गाँव जहा गोपाल अपनी पत्नी सितादेवी दो बेटो विजय और संजय दो बेटियों रिया और गरिमा के साथ रहता है परिवार की सारी जिमेदारी गोपाल के कन्धों पर है गोपाल चाहता है उसके...

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वह आखिरी पल - भाग -1 By Ratna Pandey

90 वर्ष की उम्र पार कर चुकी कावेरी अम्मा अब तक तो एकदम टनकी थीं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हृदय की धड़कनों में थोड़ी मंदी आ गई थी इसलिए उनका शरीर अब वैसा साथ नहीं निभा पा रहा था जैस...

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सच्चा मित्र By दिनेश कुमार कीर

सच्चा मित्रएक गाँव में एक व्यापारी अपनी पत्नी और बारह साल के बेटे, अनीश के साथ बहुत खुशी - खुशी रहता था। व्यापारी के कारोबार में दिन - रात तरक्की होती थी। अनीश इकलौती सन्तान होने क...

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शोहरत का घमंड - 56 By shama parveen

आर्यन की बात सुन कर सभी चोक जाते है तभी आर्यन की मॉम बोलती है, "तुम क्या करोगे एक छोटे मोटे से गरीब की बेटी की शादी में जा कर, तुम्हे तो अमीरो के साथ रहना पसन्द है"।तब आर्यन बोलता...

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कंचन मृग - प्रस्तावना By Dr. Suryapal Singh

उपोद्घात कंचन मृग (उपन्यास) स्कन्द पुराण में बुन्देलखण्ड का नाम राज्य के रूप में जुझौती उपलब्घ होता है। इसमें 42000 गाँव सम्मिलित थे। हेन सांग ने इसे चि-चि-टो कहा है। कनिंघम का मत...

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सर्कस - 1 By Madhavi Marathe

                                                                                                  मन की बात   हम लोग हमेशा सर्कस से जुडे हुए लोगों के जीवन के बारे में, जानने के लिए...

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जगत का जंजाल-संसृति By Shivraj Anand

         (मनुष्यों को अपने हृदय की सु बुद्धि से दीपशिखा जलाने चाहिए।उन्हे इक दुसरे के मध्य भेदभाव डालकर मौजमस्ती नही करनी चाहिए।मौजमस्ती दो पल की भूल है उनके कुबुद्धि का फल शूल है)...

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वो श्याम सलोनी - 1 By Anshika

वो एकटक बगीचे के फूलों को निहार रही थी रंग रूप पर उसने कभी खुद से ध्यान ही नहीं दिया था क्योंकि उसने हमेशा अपने पापा से यही सुना था की बच्चे इंसान का मन साफ होना चाहिए रंग और खुबसू...

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मुसद्दी - एक प्रेम कथा - 3 By संदीप सिंह (ईशू)

3️⃣ मुसद्दी के ठेले पर भी विकास दिखा... अब तरबूज के साथ साथ फलो के राजा आम और नारियल (हरा) भी आ गया था । पर ठेला अब भी नीम की शीतल छांव मे रुकता। पड़ोसी आनंदित की निठल्ला सुधर गया औ...

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बॉडीगार्ड - 1 By MR. JAYANT

यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जिसने अपनी जिंदगी इंसानियत के और स्त्री रक्षा पर न्यौछावर कर दी। कहते है की , सदियों से इस धरती पर भगवान ने अवतार लिया है। जिन्हे आज के दौर मे एंजल (फर...

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कलयुग के श्रवण कुमार - 1 - जीवन भर की बचत By संदीप सिंह (ईशू)

अभी अभी बेटे से फोन पर बात हुई थी। फोन कट चुका था। लगभग 40 वर्ष की उषा और ऐसे ही 42-43 रही होगी माधव की उम्र। बेटे से बात कर बहुत प्रसन्न थे, होठों की मुस्कान स्पष्ट कह रही थी कि क...

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बंधन प्यार का - 1 By Kishanlal Sharma

नरेश से आकर एक युवती टकरायी तो उसके हाथ से बेग गिर गया।नरेश बेग उठाने को झुका तो वह युवती भी झुकते हुए बोली,"सॉरी।""नो मेंशन।आल राइटवह युवती चली गयी लेकिन उसकी मोहिनी छवि नरेश के द...

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रक अदद औरत - 1 By Kishanlal Sharma

बन्द कमरे में कमला खाट पर लेटी थी।वह लेटी लेटी ही बुदबुदाईदुखकिस बात काकुछ देर बाद फिर बुदबुदाईपश्चातापकिस बात काउसके निर्णय पर सवाल ही नही उठता।उसने निर्णय लेने में कोई जल्दबाजी न...

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मैं ग़लत था - भाग - 1 By Ratna Pandey

भले राम और छोटे लाल एक छोटे से गाँव में रहते थे। दोनों में बहुत गहरी दोस्ती थी। वे बचपन से साथ-साथ खेलते कूदते ही बड़े हुए थे। पूरे गाँव में उनकी दोस्ती के चर्चे थे और हों भी क्यों...

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शाकुनपाॅंखी - 1 - उपोद्घात By Dr. Suryapal Singh

उपोद्घात यह इक्कीसवीं शती का प्रारंभ है। पूर्व और पश्चिम की विकास यात्रा में नव उदारीकरण की लहलहाती फसल के बीच इंच इंच घिसटती मानवता । उद्यमिता के नए प्रारूपों के बीच व्यष्टि की बं...

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सामाजिक भिक - 1 By AAShu ______

......... बहोत देर हों गई केशव बाबू , आप की बेटी को बुलवा दीजिए जरा ....... जी बिलकुल , अभी बुलवाता हु..... सुधा जरा अंदर से मीनाक्षीबेटी को लेकर आओ..... और हां साथ में चाय नाश्ते...

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गाय की बछिया By Rajesh Rajesh

रणधीर का संयुक्त परिवार गांव में सबसे बड़ा था। उसके परिवार में माता पिता अपनी छोटी बहन के अलावा दादा दादी ताऊ ताई उनके दो बेटे चाचा चाची उनका एक बेटा था। इतना बड़ा परिवार गांव के म...

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मुझसे शादी कर लो - 1 By Kishanlal Sharma

"अपनी औकात देखी हैराघव का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था।खाने के लाले।रोज काम ढूंढते।काम मिल जाता तो घर मे चूल्हा जल जाता।ऐसे में गरीब मा बाप बेटे को स्कूल में दाखिला कैसे...

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हमराही - 1 By Kishanlal Sharma

तो तुम चली जाओगी नाजिया पाकिस्तानी लड़की थी।वह मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर भी भारत की उन्नति और प्रगति के बारे में खूब पढ़ती और सुनती रहती थी।पिछले नौ सालों में जब से मोदी सरकार आयी...

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गगन--तुम ही तुम हो मेरे जीवन मे - 6 By Kishanlal Sharma

लेकिन हमारे समय मे न टेलीफोन थे,न ही मोबाइल और सामाजिक प्रतिबंध भी तब ज्यादा थे।कई बार मन मे आता कि रिश्ता हो गया है तो अब एक बार मंगेतर को देखा जाए पर कैसे?ऐसे अवसर आये भीएक बार म...

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दुष्चक्र - 1 By Kishanlal Sharma

नारंग ने हाथ मे बंधी घड़ी में समय देखा।रात के साढ़े नौ बजे थे।इस स्टेशन से छोटी लाइन की अंतिम ट्रेन कुमायूं एक्सप्रेस जाती थी।इस ट्रेन के छूटने में आधा घण्टा शेष रह गया था। लेकिन किस...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

=============== स्नेहिल नमस्कार साथियों इस अधाधुंध दौड़ में भागते हुए अक्सर हम अपने जीवन की कुछ महत्वपूर्ण बातों को भुला...

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गरीब की इज्जत - पार्ट 3 By Kishanlal Sharma

रोज की तरह उसे जंगल का अफसर बेसब्री से उसका इंतजार करता हुआ मिला।लाजो को देखते ही वह मुस्कराकर बोला"आज तो तुमने देर कर दी।कब से तुम्हारी राह देख रहा हूँ""क्यो/""तुम्हारा सुंदर मुखड़...

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अपना आकाश - 1 By Dr. Suryapal Singh

'क' से कथा ?उपन्यास समाज का यथार्थ बिम्ब है विविधता से भरा एवं चुनौतीपूर्ण । उपन्यास लिखना इसीलिए समाज को विश्लेषित करना है। 'कंचनमृग', 'शाकुनपाँखी', ‘कोमल...

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धर्म की दीवार.. By Saroj Verma

शाहिद लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर आया,उसने सोचा कि किस होटल में कमरा लूँ,यहाँ तो मैं किसी को जानता भी नहीं,तभी एकायक उसके मन में विचार आया क्यों ना तिवारी मोहल्ले में ही कोई होटल तलाश कर...

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दो औरते - 1 By Kishanlal Sharma

"सुरेश तुम तो एकदम बदल गए,"वह आराम से बैठ भी नही पाया था कि विभा ने बंदूक की गोली की तरह प्रश्न दाग दिया था।"नही तो।बिल्कुल वैसा ही हूँ।देख लो।कहा से बदला हुआ नजर आ रहा हूँ,"सुरेश,...

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MY HERO - 1 By shama parveen

कहानी का नाम सुन कर सभी को लग रहा होगा की ये कोई लव स्टोरी है एक लड़का और लड़की की। जी मगर ऐसा नहीं है। ये प्यारी सी कहानी एक पापा और उसकी प्यारी सी बेटी की है। वैसे हर पापा अपने ब...

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मातृत्व - किराए की कोख - 1 By Kishanlal Sharma

"ऐसे नही,"सुशांत ने पत्नी को अपने से सटा या तो नताशा पति से अलग होते हुए बोली,"ऐसे नही।""तो कैसे?""पहले कंडोम।""ओहो नताशा,"पत्नी की बात सुनकर सुशांत बोला,"आखिर कब तक हम शारीरिक मि...

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मुजाहिदा - ह़क की जंग - भाग 1 By Chaya Agarwal

भाग 1तलाक .....तलाक ......तलाक....... इन तीन अल्फ़ाजों को, बिल्कुल किसी मालिकाना हक की तरह बोल कर, उसका शौहर आरिज़ कमरें से बाहर निकल गया। जलजले की तरह आये इन लब्जों के मायनों ने उस...

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कजरी By Vishram Goswami

कजरी               दीपावली के बाद दिसंबर के प्रथम सप्ताह में ठीक ठंड पड़ने लगी थी। राते थोड़ी बड़ी हो गई थी। जल्दी सुबह जब भ्रमण के लिए निकला तो कस्बे के मुख्य बाजार वाली सड़क पर अ...

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यह बंधन नही है - 1 By Kishanlal Sharma

नारी के लिए विवाह बंधन है या जरूरतपढ़िए यह कहानी-------///----------////"आखिर तेरी शादी हो ही गयी।तू एक मर्द की दासी बन ही गयी,"रूपा बोली,"तूने एक आदमी की गुलामी स्वीकार कर ही ली।"&...

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हादसा - भाग 1 By Ratna Pandey

आज पूनम और प्रकाश का विवाह था। बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ, धूमधाम से यह विवाह हो रहा था। पूनम बहुत ख़ुश थी, क्योंकि एक ही शहर में ससुराल और मायका दोनों थे।  विदाई के समय जब उसके...

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लड़के भी रोते हैं - पार्ट 2 By Saurabh kumar Thakur

अट्ठारह साल की उम्र हुए आज 17 दिन होने वाले थे उसे । उसे अपनी जिंदगी की जिम्मेदारियों का एहसास होने लगा था, शायद उसे पता चल रहा था कि अब अपना जिंदगी जीने के लिए कुछ तो करना पड़ेगा...

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सफर से पहले ही - 1 By Kishanlal Sharma

सूरज कब का दूर क्षितिज में ढल चुका था।शाम अपनी अंतिम अवस्था मे थी।आसमान से उतर रही अंधेरे की परतों ने धरती को अपने आगोश में समेटना शुरू कर दिया था।प्लेटफॉर्म नम्बर पांच के अंतिम छो...

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मीत मेरे By Kishanlal Sharma

कालेज के गेट के बाहर आकर उसने जेब मे हाथ डाला।जेब खाली थी।वह जल्दी जल्दी में फोटो लाना ही भूल गया था।वैसे चलने से पहले उसने फोटो देख लिया था।कालेज की छुट्टी हो गयी थी।लड़कियां कालेज...

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कुछ अनकहे जज्बात! - Part 1 By Ankit Kumar

1.बिहारीएक बिहारी होना गर्व की बात है पर सिर्फ अपने राज्य मे जब आप किसी दूसरे राज्य मे जाते हो तो फिर आप एक गरीब राज्य का नेतृत्व करते हो । कहने के लिए बिहार वो राज्य है जहा संसार...

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मेहमान बन कर आएंगे  By Ratna Pandey

कलेक्टर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद वसुधा ने अपने पति से कहा, "अशोक हम दोनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं, क्यों ना अब हम राहुल के साथ रहें। उन्हें सहारा मिल जाएगा और हमारे लिए भी...

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युगांतर - भाग 1 By Dr. Dilbag Singh Virk

शहर से दूर, गाँव से बाहर, महलनुमा हवेली यादवेन्द्र की है। यह सिर्फ भूगौलिक रूप से ही गाँव व शहर से अलग नहीं है, बल्कि सामाजिक रूप से भी यह गाँव और शहर से कटी हुई है। क्यों कटी हुई...

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एक नया रास्ता - 1 By Kishanlal Sharma

"यह कौन है?"राजन के साथ आयी युवती को देखकर कल्पना बोली थी।"यह सुनीता है,"राजन अपने साथ आयी युवती का परिचय कल्पना से कराते हुए बोला,"और सुनीता मेरी पत्नी है ""क्या?सुनीता तुम्हारी प...

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वो कौन था--भाग(१) By Saroj Verma

कुदरत जब सितम-ज़रीफ़ी (अत्याचार करने) पर उतर आए तो हज़रत इंसान का तमाशा बना देती है। ठाकुर साहब हरनाम सिंह ने कभी ख्वाब में भी न सोचा था कि उन्हें इतने बड़े इम्तिहान से दो-चार होना...

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अपाहिज़ By Shrikar Dixit

सबको सब कुछ वो खुदा नहीं देता है,हर इंसान को कुछ ना कुछ कमी देता है।इंसान ने दुनिया में काफी तरक्की कर ली, धरती से आसमान का सफ़र कर लिया,चांद पर पहुंच गया,मगर इंसान की मानसिकता नही...

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पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 1 By Kishanlal Sharma

सूरज ढल रहा था।ढलते सूरज की तिरक्षी किरणें नदी के बहते पानी मे पड़ रही थी।अनुपम नदी के किनारे एक पत्थर पर बैठा बहते हुए पानी को देख रहा था।जब भी उसका मन करता वह यहां आकर बैठ जाता था...

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प्रतीक्षा (पार्ट 1) By Kishanlal Sharma

जनवरी के महीने की रात।मौसम बेहद ठंडा था।य कोहरे की वजह से बिजली के लट्ठों पर लगे बल्बों का प्रकाश टिमटिमाता नजर आ रहा था।प्लेटफॉर्म पर कोई आता जाता नजर नही आ रहा था।मुसाफिर लोग ठंड...

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अनोखा प्रस्ताव - 1 By Kishanlal Sharma

सर्दियी की रात।रात के बारह बज चुके थे।वर्षा के सास ससुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में जाकर सो चुके थे।वर्षा भी रोज सो जाती थी।लेकिन आज उसकी आँखों मे नींद नही थी।वर्षा ने शेखर से...

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आंसु पश्चाताप के - भाग 1 By Deepak Singh

भाग १आँसु पश्चाताप के शाम के धुले प्रकाश में एक खूबसूरत औरत बनारस सागर के तट पर किसी का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी , मगर जब दिये हुए समय को इंतजार की घड़ियां पार करने लगी तो...

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बहुत करीब मंजिल - भाग 1 By Sunita Bishnolia

‘‘ बहुत करीब मंजिल ’’‘‘वाह! बहनजी, बहुत ही खूबसूरत कढ़ाई की है इन चुन्नियों पर। अब ये सारी चुन्नियाँ सीधी फिल्मों के सेट पर जाएँगी। इन चुन्नियों को फिल्मों की हिरोइनें अपनी फिल्मों...

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जुड़ी रहूँ जड़ों से - भाग 1 By Sunita Bishnolia

भाग - 1 जुड़ी रहूँ जड़ों से शहर की सबसे आलीशान कोठी में एक तरफ बैडमिंटन कोर्ट है जहाँ अभी भी कुछ लोग काम करे रहे है। इसी के दूसरे छोर पर दो आउट हाऊस भी बने हुए है। दोनों आउट हाऊस ह...

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अचेतन अपराधी - 1 By Kishanlal Sharma

"देख सामने पुलिस वाला खड़ा है।तेरी लाइट भी नही है।उतरकर चल।वरना चालान कर देगा।"अपने दोस्त की बात सुनकर सुदेश भड़क गया।उसने भद्दी सी गाली दी और आगे बढ़ता गया।पुलिस वाले को देखते ही उसक...

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पलायन - 1 By राज कुमार कांदु

वह युवा सोशल मीडिया पर एक जाना पहचाना नाम बन गया था। लोगों तक पहुँचकर जन समस्याओं की पड़ताल करना और सरकार के बारे में उनकी राय सोशल मीडिया पर ज्यों की त्यों दिखाना उसका कार्य था।आज...

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